मन शांत होगा तो ही लक्ष्य प्राप्त होगा-प्राचार्य श्रीमती मोना चटर्जी
योग एक संतुलन कारक क्रिया है ,जो मन व शरीर में सामंजस्य स्थापित करती है
समाज के विकास के लिए हमारा स्वस्थ होना निरोगी रहना और मन शांत रहना बहुत आवश्यक है
नर्मदापुरम। स्प्रिंगडेल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शुक्रवार को दसवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस थीम "स्वयं और समाज के लिए योग" मनाया गया। योग कार्यक्रम का प्रारंभ स्कूल प्राचार्य श्रीमती मोना चटर्जी के विचारों के साथ प्रारंभ हुआ। संपूर्ण योग अभ्यास योग गुरु रघुवीर आर्य के मार्गदर्शन में हुआ जिसमे बच्चों और शिक्षकगण उपस्थित रहे।
योग अभ्यास दो चरणों में संपन्न हुआ। पहले चरण में अनुलोम विलोम ,कपालभाति, भ्रामरी, - प्राणायाम, दूसरे चरण में पद्मासन, शशांक आसन, पवन मुक्तासन, चक्रासन किए गए योगाभ्यास के साथ ही उन मुद्राओं का हमारे शरीर व मन पर पड़ने वाले लाभों को भी बताया गया। योगाचार्य रघुवीर ने बच्चों को बताया कि किस तरह स्वयं के योग अभ्यास करते रहने से समाज व स्वयं के स्वरूप में परिवर्तन लाया जा सकता है ।समाज के विकास के लिए हमारा स्वस्थ होना हमारा निरोगी रहना और हमारा मन शांत रहना बहुत आवश्यक है, और यह योग द्वारा ही संभव हो सकता है।
प्राचार्य श्रीमती मोना चटर्जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह जिम व डाइटिंग का चलन बढ़ रहा है ऐसी स्थिति में नियमित योग व संतुलित भोजन ग्रहण कर शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग एक संतुलन कारक क्रिया है ,जो मन व शरीर में सामंजस्य स्थापित करती है। कार्यक्रम प्रभारी गोविंद झरखण्डे व सुश्री बाली कड़वे रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.नीतू तिवारी द्वारा किया गया।
मनोज सोनी एडिटर इन चीफ


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