फर्जी रजिस्ट्री करवा कर हड़पा आदिवासी का प्लाट, जनसुनवाई में पहुंची शिकायत
नर्मदा पुरम। आदर्श नगर में दो लोगों द्वारा एक आदिवासी के प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री करवाकर हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित ने कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है।
शिकायत में कहा गया है कि प्रार्थी घूडनलाल आत्मज छोटेलाल निवासी आदर्श नगर नर्मदापुरम का निवासी आदिवासी है। प्रार्थी ने राजगृह निर्माण समिति मर्यादित होशंगाबाद से मौजा किशनपुर उर्फ आदमगढ स्थित खसरा नंबर 65/2 रकबा 1200 वर्गफुट का भूखण्ड पंजीकृत विक्रय पत्र 13.11.1997 में खरीद कर कब्जा प्राप्त किया एवं राजस्व प्रलेखों में नामांतरण कराया था।
जिस पर प्रार्थी को अतिशीघ्र मकान का निर्माण कराना है। प्रार्थी के भूखण्ड़ पर निर्माण कार्य कराए जाने के लिए माह फरवरी 2024 में मौके पर नाप कराई जा रही थी, तब मौके पर राजेश, शैलेश, रंजीत सिंह व अन्य दो व्यक्ति आए और कहा कि प्रार्थी का उक्त भूखण्ड नहीं है, तब प्रार्थी ने उपरोक्त व्यक्तियों से उसका भूखण्ड न होने के संबंध में दस्तावेज दिखाने को कहा तब उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा दिनांक 10.01.2018 के विक्रय पत्र के विक्रय पत्र की फोटोकापी दिखलाई गई, तब प्रार्थी ने उक्त विक्रय पत्र की प्रमाणित प्रति निकलवाई और राजेश कुमार, शैलेश कुमार के राजस्व अभिलेखों की खोज कराकर राजस्व विभाग से भू-माफिया के खाता अनुक्रमांक 169 वर्ष 2016-17 सत्य प्रतिलिपि दिनांक 05.07.2017 की प्रमाणित प्रतिलिपि चाही गई थी।
जो कि तहसील कार्यालय (शहर) नर्मदापुरम की परिवर्तित किश्तबंदी में दर्ज होना नहीं पाया गया, जबकि तथाकथित फर्जी विक्रयपत्र के पृष्ठ क्रमांक 07 पर नामांतरण का हवाला देकर उपरोक्त भू-माफियाओं द्वारा पंजीकृत विक्रय पत्र का निष्पादन कराया गया है।
ऐसी स्थिति में मूल भूमि स्वामी हुकमा व छोटेलाल द्वारा डायवर्सन कराकर ले आउट अनुसार विक्रय व बंधक किए गए भूखण्डों की जाँच कराई जाना आवश्यक हैं, जिससे की पूरे फर्जीवाडे का खुलासा होना संभव है। उप पंजीयक कार्यालय द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार वर्ष 1998-1999 में देवकी बाई पत्नि प्रहलाद यादव, श्रीमति लीलाबाई पत्नि रामप्रसाद चौरे, घासीराम वल्द रामचरण, पार्वती बाई पत्नि रामदास, सखाराम वल्द तुलसीराम, वीरेन्द्र कुमार वल्द सागरलाल शर्मा, अमरीश दुबे वल्द माधव प्रसाद दुबे, टी. थंगमणी पत्नि बेणुगोपाल, संतोष कुमार वल्द हजारीलाल चौबे, श्रीमति शारदाबाई पत्नि श्यामलाल मेहरा, श्रीमति शांतिबाई पत्नि तुलसीराम राजोरिया, मूलचंद बाथरे वल्द हीरालाल बाथरे, लक्ष्मण सिंह वल्द धनीराम मौर्य, श्रीमति शांति बाई पत्नि जानकी प्रसाद, द्वारका प्रसाद मेहरा गल्द मुंशीलाल मेहरा, राम बाई गोहे पत्नि लखनलाल गोहे, श्याम कुमार वल्द छोटेलाल मालवीय को विक्रय किया गया हैं, जो रकबा बचा न होने के उपरांत फर्जी तरीके से बेच दिया गया हैं, जिसके कारण विवाद की स्थिति निर्मित हुई है। और मेरे भूखण्ड को छीनने का प्रयास किया जा रहा है। जनसुनवाई के माध्यम से की गई शिकायत की जाँच कराई जाकर मुझे भू-माफियाओं एवं अवैध भूखण्ड क्रेता व विक्रेता गण के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही किए जाने के आदेश देने की कृपा करें।
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