मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
सेठानी घाट पर बने विशाल मंच से लीला उत्तर भरत मिलाप की लीला सम्पन्न हुई।
नर्मदा पुरम। रावण का वध करने के बाद प्रभु श्रीरामजी विभीषण को लँका का राज पाठ दिलवाते हैं और लक्ष्मण जी से विभिषण का राजतिलक करवाते हैं। प्रभु श्रीरामजी सबसे कहते हैं कि भरत जी ने कहा था कि वनवास की अवधि पूर्ण होते ही उनको अयोध्या पहुंचना है। अतः लंकाधिपति विभिषण प्रभु को शीघ्र ही पुष्पक विमान उपलब्ध कराते हैं जिस पर से प्रभु श्री राम के आदेशानुसार
इंद्र युद्ध में मारे गए वानर भालुओं पर अमृत की बर्षा करते हैं जिस से वे जीवत हो उठते है पश्चात प्रभु श्रीराम जी पुष्पक विमान में जानकी जी ,लक्ष्मणजी ,हनुमान जी ,सग्रीव, अंगद सहित बैठकर अयोध्या पहुंचते हैं ,सरयू के पास पहुंच कर श्री भरत को हनुमानजी के माध्यम से उनके आने की सूचना देतें हैं ,,श्री भरत जी, ब्रम्हरिषि वशिष्ठ, माताओं और पुरवासियों सहित प्रभु श्रीराम ,श्रीजानकी जी और श्रीलक्ष्मण जी की अयोध्या में आगवानी करतें और राजमहल ले आते हैं। लीला में प्रतीक दुबे ने श्रीराम, अक्षय मिश्रा ने जानकी ,अक्षय मिश्रा ने लक्ष्मण ,दीपेश व्यास ने हनुमान गोपाल शुक्ला ने विभिषण ,दीपक साहू ने सुग्रीव और वेद तिवारी ने पुरवासी का अभिनय किया।
विभिषण को लंका का राज्य सौंपकर भगवान जब अयोध्या से लौटते हैं तो राह में एक गांव में ग्रामवासी भगवान का स्वागत करतें हैं। लीला इसको इस तरह दिखलाया है कि पात्र दशहरा मैदान से कोठी बाजार जातें हैं जहां पर ओंकार भाई उनके साथी भगवान का जोरदार स्वागत करके भोजन प्रसादी करवाते हैं। 14 अक्टूबर को श्रीरामलीला मंच से श्रीराम राज्याभिषेक की लीला का मंचन होगा ।
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