कलेक्टर ने क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र एवं कृषि महाविद्यालय पवार खेड़ा का निरीक्षण किया प्याज मिर्च सोयाबीन गेहूं गन्ने की नई वैरायटी का किया अवलोकन - AKN News India

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Wednesday, 25 December 2024

कलेक्टर ने क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र एवं कृषि महाविद्यालय पवार खेड़ा का निरीक्षण किया प्याज मिर्च सोयाबीन गेहूं गन्ने की नई वैरायटी का किया अवलोकन


 मनोज सोनी एडिटर इन चीफ


कलेक्टर ने क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र एवं कृषि महाविद्यालय पवार खेड़ा का निरीक्षण किया

 प्याज मिर्च सोयाबीन गेहूं गन्ने की नई वैरायटी का किया अवलोकन  


नर्मदा पुरम। कलेक्टर सोनिया मीना ने क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र  एवं कृषि महाविद्यालय पवार खेड़ा का निरीक्षण किया।  निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्याज ,सोयाबीन, आलू , टमाटर , मिर्च, गन्ने , सरसों एवं आलू की नई वैरायटी का अवलोकन किया। उल्लेखनीय  है कि कृषि अनुसंधान केंद्र पवार खेड़ा की स्थापना 1903 में हुई थी।  मुख्यतः यह गेहूं की नई वैरायटी को डेवलप करने के लिए स्थापित की गई थी  । लेकिन बाद में तीन से चार और नई फसले भी अनुसंधान के लिए जुड़ गई , यहां गेहूं अनुसंधान केंद्र , गन्ना अनुसंधान केंद्र, जल प्रबंधन , आईएफएस पर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में गेहूं की 56 वैरायटी एवं गन्ना की चार वैरायटी लगाई गई है , जो की बहुत बड़ी उपलब्धि है । वर्ष 2016-17 में कृषि महाविद्यालय भी प्रारंभ किया गया जो सफलतापूर्वक चल रहा है । वर्तमान में 218 बच्चे यहां पढ़ाई कर रहे हैं। यहां मुख्यतः विभिन्न फसलों के बीज का उत्पादन किया जाता है। 

 *कलेक्टर* ने चना की नई क्रॉप का निरीक्षण किया* 

कलेक्टर सोनिया मीना ने कृषि अनुसंधान केंद्र में लगाए गए चना की नई वैरायटियों का निरीक्षण किया।  बताया गया कि यहां चने की हार्वेस्टर से कटाई करते हैं। हार्वेस्टर से कटाई करने पर शीट थोड़ी ऊंचाई पर रहने से नीचे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है । यह फर्स्ट हार्वेस्टिंग मैकेनिक पद्धति है जो स्पेशल उद्देश्य के लिए डेवलप की गई है। प्रजनन बीज उत्पादन कार्य के अंतर्गत इसे किया जा रहा है। यह एक अलग प्रकार की फसल है । इसमें एक ही सिंचाई लगती है फिर एक बार और फोडिग स्टेज पर पानी लगता है

 *सरसों* की क्राफ्ट का किया अवलोकन

कलेक्टर ने फार्म में लगे सरसों की नई वैरायटी का अवलोकन किया । डीन डॉक्टर चटर्जी ने बताया कि चंबल से विशेष रूप से बीज मंगवाए गए हैं क्योंकि यहां पर तिलहन को बढ़ावा देना था । 10 हेक्टेयर में सरसों लगाया गया है।  बताया गया कि जिले में 7 से 8 हजार  हेक्टेयर में किसानों ने सरसों लगाया है। साथ ही पल्सर में चना की चार लाइन एवं सरसों की दो लाइन लगाकर फसल लिया गया है । सोयाबीन मुख्यतः आइल के उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं।  वहीं तुवर दाल की फसल सिवनी मालवा पिपरिया,  गाडरवारा में लगाई जाती है।  सोयाबीन चिक्की , प्याज , मटर , आलू की नई  किस्म  की और किसानों का रुझान बढा है।  साथ ही मंडी रेट पर ही इनके बीज सेल किये जाते  हैं । एक हेक्टेयर में तीन लाख तक का मुनाफा सोयाबीन से प्राप्त हो रहा है । सोयाबीन की टी 11 एवं  टी 12 क्राफ्ट प्रोटीन से भरपूर है । किसानों को भी समझाइश दे रहे हैं ।  टी 5 एवं टी 6 न्यूट्रिशंस  से भरपूर  है।  मिट्टी के मेंटेनेंस पर भी कार्य किया जा रहा है।  मूंग उड़द एवं चना चिक्की भी ले रहे हैं । गेहूं की किस्म टी11 एवं टी 12 को अडॉप्ट करने में सफल हुए हैं।  5 साल बाद इसकी रिकमेंड करेंगे।  बताया गया कि पशुओं के लिए चारा भी पर्याप्त मिल जाता है। वर्तमान में फॉर्म में ऑर्गेनिक फार्मिंग नहीं की जा रही है। फर्टिलाइजर का उपयोग किया जा रहा है।   देशी बीजों का ही उपयोग करते हैं।  इससे कई वैरायटी के बीज बनाते हैं। जिसे 5 से 7 साल तक टेस्टिंग के बाद अपनाते  हैं । डाटा कंबाइन  करने के बाद ही नई वैरायटी को चिन्हित किया जाता है । तब अंत में जाकर बीज फाइनल होता है और इसे किसानो तक पहुंचाया जाता है। 

दो *वैरायटी* की क्रॉसिंग भी की जा रही है 

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि फॉर्म में दो अलग-अलग वैरायटी की फसलों की क्रॉसिंग भी करते हैं , इससे 7 साल तक स्टेबल किया जाता है और टेस्टिंग के बाद क्वालिटी चेक कर अपनाया जाता है । गेहूं की नई क्रॉप में जिक आयरन प्रोटीन चपाती मेकिंग कलर सब की टेस्टिंग की जाती है।  लैब में टेस्टिंग के बाद यह देखा जाता है कि यह बायो फोर्टीफाइड है या नॉन बायो फोर्टीफाइड है। फॉर्म में छोटे बड़े बहुत से प्लांट बनाए गए हैं जहां पर  विभिन्न वैरायटी की क्रॉप लगी है । हर नई क्रॉप की टेस्टिंग होती है और जो बेस्ट होता है उसे फाइनल कर किसानों तक पहुंचाया जाता है । बताया गया की एडवांस लाइन में वर्ष भर में 7 से 8 वैरायटी की टेस्टिंग की जाती है । अभी तीन लाइन की अलग-अलग फसलों की क्रॉप की टेस्टिंग की जा रही है। 

 *कलेक्टर* ने गन्ने  की फसल का किया निरीक्षण

कलेक्टर ने गन्ने की फसल का निरीक्षण किया।  बताया गया कि यहां पर तीन अलग-अलग वैरायटी के गन्ने की क्राप निकाली गई है । पहली क्रॉप 19 86 में दूसरी क्रॉप 1995 में एवं तीसरी क्रॉप 2016 में दी गई थी ।  प्रोडक्शन एवं फसल सुधार के कार्य लगातार किए जा रहे हैं।

निरीक्षण के दौरान डीन डॉ अन्वेष चटर्जी,  कृषि वैज्ञानिक डॉ एस के पांडे , डॉ आशीष शर्मा , डॉ विनोद कुमार,  उपसंचालक कृषि जे आर हेड़ाऊ, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमंत सूत्रकार ,तहसीलदार दिव्यांशु नामदेव उपस्थित रहे।

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