मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
जहां भक्त आते हैं वहां भगवान अवश्य आते हैं - पंडित कमल किशोर नागर जी।
नर्मदा पुरम। व्यास पीठ से नागर जी ने बताया जहां प्रभु कथा होती है वहां प्रभु के उत्सव होते हैं वहां सच्चे भक्त होते हैं और जहां सच्चे भक्त होते हैं वहां भगवान को आना ही पड़ता है भगवान की कथा अनादि काल से होती चली आ रही है । भागवत कथा माता पार्वती के साथ सभी ऋषियों ने भी सुनी हनुमान जी ने भी सुनी वही कथा हमें भी ब्रह्म ज्ञानी गुरु से सुनने को प्राप्त हो रही है रानी दमयंती को कथा से ब्रह्म ज्ञान प्राप्त हुआ जिसे महर्षि वशिष्ठ एवं उनके शिष्यों को हथप्रद कर दिया था भागवत कथा में केवल भक्तों के चरित्र के गुण को ही भजन के रूप गाना चाहिए जिससे मनुष्य के जीवन में रस मिले प्रभु की रासलीला का भी तात्पर्य यही है । जय घोष करना भी परमात्मा का ही स्वरुप है । श्री कृष्ण के जन्म के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ गया विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ गया पृथ्वी हरी भरी हरी भरी हो गई आकाश से बाजे बजने लगी देवता पुष्प वर्षा करने लगे ऋषि मुनि वेद पाठ करने लगे पूरी सृष्टि में ईश्वर कृपा की अनुभूति होने लगी। इसी प्रकार यदि श्रीमद् भागवत कथा में आनंद आने लगे तो समझो प्रभु कृपा बरस रही है जिस घर में अतिथि संत महात्मा के चरण पढ़ते रहते हैं उनका आदर सत्कार होता है उस घर को बैकुंठ के समान समझना चाहिए कथा के पुण्य कभी समाप्त नहीं होते साधारण कर्म से प्राप्त पुण्य जब तक रहते हैं तब तक आप स्वर्ग में निवास कर सकते हैं जैसे ही पुण्य समाप्त होते हैं व्यक्ति को वापस कर दिया जाता है परंतु कथा के पुण्य समाप्त नहीं होते कथा ब्रह्म की है और ब्रह्म कथा एवं स्वर्ग दोनों में रहते हैं ब्रह्म कथा एवं स्वरूप दोनों में रहते हैं कथा के पुण्य स्थायी रहते हैं ।ईश्वर बचपन में सुख मत देता और बुढ़ापे में दुख नहीं देना ध्रुव , प्रह्लाद ने बचपन में दुख भोगा और फिर प्रभु कृपा से सुख ही सुख पाया। मोबाइल मंथरा के समान है जैसे मंथरा ने राजा दशरथ का घर बिगड़ा इसी प्रकार मोबाइल बच्चों के साथ-साथ दांपत्य जीवन भी बिगाड़ रह रहे हैं । मूर्ख गलती करे तो करें लेकिन ज्ञानी को गलती नहीं करना चाहिए भीष्म पितामह ने भी द्रोपदी का चीर हरण देखा था उसकी सजा 6 माह तक सरसैया पर पड़े रहना पड़ा महिलाओं को मर्यादाओं का पालन करना चाहिए फटे हुए वस्त्र नहीं पहनकर अंग प्रदर्शन नहीं करना चाहिए पूतना ने एवं स्वयं सीता जी ने मर्यादा की रेखा तोड़ी तो पूतना को मृत्यु और सीता जी को स्वयं के हरण का दुख भोगना पड़ा। परम पूज्य नागर जी के प्रवचन के पूर्व उनके पोते बाल व्यास श्री गोविंद जी नागर ने भी अपने प्रवचन में कथा के महत्व को समझाया गोविंद जी नागर ने अपने प्रवचन से सभी लोगों का मन मोह लिया।।
सत्संग में इटारसी विधायक सीताशरण शर्मा सिवनी मालवा विधायक प्रेम शंकर वर्मा राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष माधव दास अग्रवाल आदि ने उपस्थित होकर व्यास पीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया कथा में भक्तों की अपार भीड़ रही लगभग पचास हजार की संख्या में परम पूज्य गुरुदेव नागर की कथा का श्रवण किया आज कथा स्थल पर प्रशासन से एसडीएम श्रीमती सरोज परिहार एवं तहसीलदार नितिन राय ने व्यवस्थाओं को निरीक्षण किया प्रशासन की सभी व्यवस्थाएं पुलिस व्यवस्था, स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका की व्यवस्था की प्रशंसा की
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