शहर सहित आसपास के क्षेत्रों और गली मोहल्लों में खुलेआम बिक रही अवैध शराब शराब माफियाओं का मनोबल बढ़ा, फल फूल रहा अवैध शराब का कारोबार, शराब बेचने पर नहीं लग पा रही रोक शराब पीने वाले खाली प्लाट और गलियों में यहां वहां बैठकर कर रहे दारू का सेवन - AKN News India

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Friday, 10 October 2025

शहर सहित आसपास के क्षेत्रों और गली मोहल्लों में खुलेआम बिक रही अवैध शराब शराब माफियाओं का मनोबल बढ़ा, फल फूल रहा अवैध शराब का कारोबार, शराब बेचने पर नहीं लग पा रही रोक शराब पीने वाले खाली प्लाट और गलियों में यहां वहां बैठकर कर रहे दारू का सेवन



शहर सहित आसपास के क्षेत्रों और गली मोहल्लों में खुलेआम बिक रही अवैध शराब

शराब माफियाओं का मनोबल बढ़ा, फल फूल रहा अवैध शराब का कारोबार, शराब बेचने पर नहीं लग पा रही रोक

शराब पीने वाले खाली प्लाट और गलियों में यहां वहां बैठकर कर रहे दारू का सेवन


एके एन न्यूज नर्मदा पुरम। समीपस्थ ग्राम रायपुर, मालाखेड़ी और शहरी क्षेत्र की गली-गली में अवैध शराब का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। शासन और स्थानीय पुलिस प्रशासन की आंखें बंद हैं, वहीं शराब माफियाओं का नेटवर्क लगातार मजबूत होता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार शहर कोतवाली और देहात थाना क्षेत्र अब शराब माफियाओं का गढ़ बन चुके हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन इलाकों में कुछ नामचीन शराब माफिया शराब का खुलेआम कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं।

प्राप्त जानकारी अनुसार रायपुर मालाखेड़ी, घानावड़, बांद्राबान, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, हरियाली चौक गैस एजेंसी के पास, तृप्ति मेडिकल चौक, सेंट जोसेफ हॉस्पिटल के सामने, इंदिरा आवास कॉलोनी, फेफरताल, सहित अन्य क्षेत्रों में शराब की बिक्री की जा रही है। यही नहीं, रोहना टोल टैक्स, रेवा सिटी कॉलोनी, गीता भवन, एसपीएम के सामने, भोपाल चौराहा, संतु दुर्गा मंदिर, लश्कर चौक, सिंधी कॉलोनी, ईदगाह फाटक, बस स्टैंड, राजा मोहल्ला , कोरी घाट, गुप्ता नर्सिंग होम के पीछे, देवा माई समाधि, मीनाक्षी चौक, नारायण नगर पुलिया, और शांति नगर तक हर क्षेत्र में खुलेआम अवैध शराब बिकने की चर्चा जनमानस में है।

कई जगहों पर तो हो रही होम डिलीवरी

रिपोर्ट के मुताबिक, कई जगहों पर होम डिलीवरी तक की सुविधा दी जा रही है। शहर के बीचोंबीच और भीड़भाड़ वाले इलाकों में शराब माफियाओं का नेटवर्क इतना मजबूत है कि कोई भी कार्रवाई इन तक नहीं पहुंच पाती। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई केवल “कागज़ों तक” ही सीमित रही। सवाल उठता है कि आखिर इन शराब माफियाओं को किसका संरक्षण प्राप्त है? अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन कब नींद से जागेगा और इन अवैध कारोबारों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाएगा।

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