15 अक्टूबर रविवार को सांयकाल 5 बजे से सेठानीघाट स्थित मंच से भगवान श्रीराम की भव्य बारात नगर के प्रमुख मार्गों से निकाली जावेगी, रात्रि 8 बजे पुनः सेठानी घाट मंच पर आएगी जहां , पांव पखराई की लीला का मंचन होगा ।
नर्मदा पुरम। महाराजा जनक अपनी पुत्री के स्वयंबर के लिए यह प्रतिज्ञा करतें हैं कि जो कोई भी उनके महल में स्थापित भगवान शंकर के भव्य धनुष ' पिनाक ' की प्रत्यंचा चढ़ाएगा या उसको भंग करेगा उसी से जनकनन्दिनी सीता का विवाह होगा । सीता के स्वयंबर में देश देशांतर के राजा , राजकुमारों के साथ लंकाधिपति रावण , श्रोणितपुर से बाणासुर सहित कई महाराजा जनकपुर पहुंचते हैं और अपने पराक्रम को दिखाते हुए पिनाक धनुष को उठाने का प्रयास करतें हैं लेकिन सभी असफल होते हैं तभी मुनि विश्वामित्र के आदेश से श्रीरामजी भव्य धनुष पिनाक को उठाने में सफल हो जाते हैं , और प्रत्यंचा चढ़ाते समय धनुष भंग हो जाता है , महाराज जनक की प्रतिज्ञा अनुसार सीता जी श्रीरामजी को वरमाला पहना देती हैं तभी दूरस्थ भगवान परसुराम जी को आभास होता है कि कुछ हुआ है वे मन की गति से तुरंत जनकपुर आतें हैं जहां उनका राजा जनक , श्रीराम, लक्ष्मण से संवाद होता है अंत में उनको लगता है कि विष्णुजी ने अवतार ले लिया है ।
लीला में प्रतीक दुबे ने श्रीराम , अक्षय मिश्रा ने लक्ष्मण , सम्पूर्ण चतुर्वेदी ने सीता , सुभाष परसाई ने रावण , दीपेश व्यास ने बाणासुर ,मुकेश कुमार मांडलेकर ने दुष्ट राजा , आराध्य गार्गव ने साधु राजा और अरुण तिवारी ,पुनीत पाठक ने सुमति विमती की भूमिका निभाई । श्रीरामलीला समिति के सचिव योगेश्वर तिवारी ने बताया कि 15 अक्टूबर रविवार को सांयकाल 5 बजे से सेठानीघाट स्थित मंच से भगवान श्रीराम की भव्य बारात नगर के प्रमुख मार्गों से निकाली जावेगी जो रात्रि 8 बजे पुनः सेठानी घाट मंच पर आएगी जहां , पांव पखराई की लीला का मंचन होगा । मनोज सोनी एडिटर इन चीफ


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