मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
श्रीराम लीला में लीला ताड़का वध संपन्न हुआ
भगवान श्री राम ने किया ताड़का का वध, दर्शको की उमड़ रही भीड़
नर्मदा पुरम। रविवार को लीला में दिखाया गया कि मुनि विश्वामित्र वन में राक्षसों के आतंक की चिंता लिए राजा दशरथ के पास पहुंचते हैं, राजा दशरथ उनका स्वागत करके चारों पुत्रों से मुनि के चरण स्पर्श करने को कहते हैं, राजा दशरथ मुनि विश्वामित्र के आगमन का कारण पूछते हैं तो मुनि विश्वामित्र कहते हैं कि राजन असुर समूह मुझे बहुत सताते हैं, राक्षसों से रक्षा करने के लिए उन्हें पुत्र लक्ष्मण सहित श्री रघुनाथ जी चाहिए।
जिससे वह राक्षसों का संहार करा सके और ऋषि मुनि सुरक्षित हों सके। विश्वामित्र जी की बातों को सुनकर राजा दशरथ व्याकुल हो जाते हैं, और अनुरोध करते हैं कि श्री राम उनको बहुत अधिक प्रिय हैं मैं कैसे दे दूं ,यह किशोर बालक राक्षसों को कैसे वध करेंगे तब राजगुरु वशिष्ठ राजा दशरथ को समझते हैं और उनके मन का संशय दूर करते हैं। तब राजा दशरथ आशीर्वाद देकर श्री राम लक्ष्मण को मुनि विश्वामित्र को सौंप देते हैं।
मुनि विश्वामित्र के साथ श्री राम लक्ष्मण वन की ओर प्रस्थान करते हैं। वन में जाते हुए ताड़का नाम की राक्षसी को एक ही बाण से मारकर उसका वध कर देते हैं। फिर मारीच को अपने बाण से सौ योजन दूर फेंक कर अग्निबाण से सुबाहु को भस्म करते हैं। तत्पश्चात् भगवान राम ने अहिल्या का उद्धार की जीवंत झांकी को प्रस्तुति की।
इस लीला में रंगमंच के कलाकार अभिषेक सैनी ने ताड़का ,पं.अजय परसाई ने विश्वामित्र ,सुभाष परसाई ने दशरथ ,प्रतीक दुबे ने श्रीराम , अक्षय मिश्रा ने लक्ष्मण ,विनोद परसाई ने वशिष्ठ ,दीपेश व्यास ने मारीच,अरुण तिवारी ने बे सहूर , प्रफुल्ल तिवारी ने झींज्ञाघ्याक्ष , राक्षस, दीपक साहू ने सुबाहु की , गोपाल शुक्ला ने सेना नायक की भूमिका निभाई। 30 सितम्बर को नगर दर्शन,पुष्वाटिका की लीला का मंचन होगा ।
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