पेड़ों की चीख और हिरणों की दौड़, हैदराबाद के जंगल पर विकास की कुल्हाड़ी सृष्टि सेवा संकल्प जिला नर्मदापुरम इकाई ने राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन, देश भर में आक्रोश - AKN News India

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Wednesday, 16 April 2025

पेड़ों की चीख और हिरणों की दौड़, हैदराबाद के जंगल पर विकास की कुल्हाड़ी सृष्टि सेवा संकल्प जिला नर्मदापुरम इकाई ने राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन, देश भर में आक्रोश


 


पेड़ों की चीख और हिरणों की दौड़, हैदराबाद के जंगल पर विकास की कुल्हाड़ी

सृष्टि सेवा संकल्प जिला नर्मदापुरम इकाई ने राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन, देश भर में आक्रोश 


नर्मदा पुरम। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थित हैदराबाद यूनिवर्सिटी के करीब 400 एकड़ क्षेत्र में फैले घने जंगल को मनमाने ढंग से काटा जा रहा है जिससे पर्यावरण प्रेमियों छात्रों और समाज सेवियों में आक्रोश फैल गया है। इस मुद्दे को लेकर सृष्टि सेवा संकल्प जिला नर्मदापुरम इकाई ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन नर्मदा पुरम के सिटी मजिस्ट्रेट को सोपा।ज्ञापन में महामहिम राष्ट्रपति ,केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री ,मुख्यमंत्री को भी इस पर्यावरण विनाशकारी घटना पर संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है ।ज्ञापन का वाचन सुनील यादव ने किया।


आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

 हैदराबाद यूनिवर्सिटी के  कांचा गाचीबोवली वाली क्षेत्र में स्थित लगभग 400 एकड़ के हरित क्षेत्र को जो की हैदराबाद शहर के फेफड़े के नाम से जाना जाता है को 30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच आईटी पार्क निर्माण के बहाने से तेजी से काटा गया। इस जंगल सरीखे 400 एकड़ जमीन में करीब 700 से अधिक प्रजातियों के पेड़ और पौधे हैं इसके अलावा 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का भी यह वन क्षेत्र आश्रय है। पिछले दिनों जब इस जंगल पर कुल्हाड़ी चली तो वन्य जीव प्रेमियों समेत आम नागरिकों ने भी आपत्ति जताई । भौगोलिक विश्लेषकों और सैटेलाइट इमेजो के अनुसार इस दौरान करीब दो वर्ग किलोमीटर का घना वन क्षेत्र बुरी तरह उजाड़ दिया गया, पेड़ों की कटाई के चलते वहां के प्राकृतिक निवासी जैसे नीलगाय, हिरण ,मोर और अन्य पक्षी एवं जंगल के जीव बेघर हो गए हैं तथा उनकी चीख पुकार के दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसने पूरे देश के पर्यावरण प्रेमियों को झकझोर दिया है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण विदो द्वारा इस पूरे प्रकरण को सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए जंगल की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है और इस घटनाक्रम की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। महामहिम, हालांकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जंगल की कटाई रोकने हेतु आदेश पारित कर दिए हो परंतु जो विनाश किया जा चुका है उसकी भरपाई एक मुश्किल लेकिन संभव कार्य है और इस विनाश से हुए नुकसान को समाप्त करने के लिए सार्थक कदम उठाना बहुत आवश्यक है। महामहिम से विनम्र निवेदन है कि इसकी भरपाई हेतु जिम्मेदारों को जितनी क्षेत्र की कटाई हो चुकी हो उसे क्षेत्र को वृक्षारोपण कर पुनः हरा भरा बनाकर जंगल विकसित करने हेतु निर्देशित करने का कष्ट निर्देशित करने का कष्ट करें । हम सभी सृष्टि सेवकों द्वारा विनम्रता पूर्वक प्रार्थना है कि भविष्य में इस तरह से भयावह कार्यवाही ना हो इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्देश बनाए जाने चाहिए, जिससे भविष्य में हम ऐसी दुर्घटना से पर्यावरण का बचाव कर सकें।

ज्ञापन देने वालों में नरेंद्र यादव, एससी सराठे, डीएस डांगी, विवेक शर्मा, अमन ग़ौर, विशाल दीवान, विमलेश कीर देव मालवीय, रजत यादव,अनिल आर्य, अमित नामदेव, प्रिंस साहू, प्रमोद दुबे, अर्पित दीक्षित, नलिन पटेल, राजेन्द्र जोशी ,मिहिर श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

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