नदियों को बचाना हमारी प्राथमिकता – मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल* *जनपद पंचायत सोहागपुर क्षेत्र में तीन नदियों के उद्गम स्थलों का हुआ पूजन* *उद्गम स्थलों पर पूजन-पाठ कर संरक्षण का लिया संकल्प* - AKN News India

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Thursday, 7 August 2025

नदियों को बचाना हमारी प्राथमिकता – मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल* *जनपद पंचायत सोहागपुर क्षेत्र में तीन नदियों के उद्गम स्थलों का हुआ पूजन* *उद्गम स्थलों पर पूजन-पाठ कर संरक्षण का लिया संकल्प*


 

मनोज सोनी एडिटर इन चीफ


*नदियों को बचाना हमारी प्राथमिकता – मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल*

*जनपद पंचायत सोहागपुर क्षेत्र में तीन नदियों के उद्गम स्थलों का हुआ पूजन*

*उद्गम स्थलों पर पूजन-पाठ कर संरक्षण का लिया संकल्प*


*नर्मदापुरम।नदियों के संरक्षण एवं उनके सतत प्रवाह को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम विभाग, मध्यप्रदेश शासन प्रहलाद सिंह पटेल ने आज जनपद पंचायत सोहागपुर क्षेत्र की तीन प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों का दौरा कर वहां पूजन-पाठ किया एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व विशेषज्ञों से चर्चा की।

इस अवसर पर मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जैसे नर्मदा नदी हमारे जिले की पहचान है, वैसे ही उसकी सहायक नदियां भी हमारे जल जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। इन नदियों को जीवित रखना हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

पीरिया नदी का उद्गम स्थल ग्राम नया सांकई के पास स्थित सिद्ध देव स्थल है, जो ग्राम पंचायत पथरई में आता है। यह नदी 23.94 किलोमीटर लंबी है और इसका कुल कैचमेंट क्षेत्र 65 वर्ग किलोमीटर है। इसके प्रवाह क्षेत्र में कुल 7 ग्राम पंचायतें आती हैं। इसी प्रकार, मारू नदी का उद्गम ग्राम डोव सिद्ध धाम के पास है, जो ग्राम पंचायत नया धाई में स्थित है। इस नदी की लंबाई 28 किलोमीटर है और इसका कैचमेंट क्षेत्र 126 वर्ग किलोमीटर है। मारू नदी के बहाव में 8 ग्राम पंचायतें आती हैं। वहीं तीसरी नदी बाकुड़, जिसका उद्गम ग्राम आमझिरी के पास है, 36 किलोमीटर लंबी है और इसका कैचमेंट क्षेत्र 150 वर्ग किलोमीटर है। यह नदी नर्मदा नदी में चौकाघाट गनेरा के पास समाहित हो जाती है और इसके मार्ग में कुल 13 ग्राम पंचायतें आती हैं।

इन तीनों नदियों के उद्गम स्थलों और प्रवाह क्षेत्र में जल संरक्षण एवं पुनर्भरण के उद्देश्य से मनरेगा योजना के अंतर्गत विगत दो वर्षों में अनेक कार्य किए गए हैं। इनमें खेत तालाब, चेक डेम, सोखता गड्ढे, स्टॉप डेम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग एवं अन्य जल संरचनाएं शामिल हैं। इन प्रयासों से जल स्तर में सुधार लाने और नदी प्रवाह को स्थायी रूप से बहाल करने की दिशा में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है।

मंत्री श्री पटेल ने नदियों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इन जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए जन सहयोग, प्रशासनिक पहल और वैज्ञानिक उपायों को एकसाथ लेकर चलना आवश्यक है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि नदी संरक्षण की कार्ययोजना बनाकर नियमित रूप से इसकी समीक्षा करें।इस अवसर पर सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, सरपंचगण, सचिव एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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